लोग कहते है बेदर्द है तू, भूल जाऊ तुझे क्यों बेचैन हूँ मै
मै क्या बताऊ
सांस लेती हूँ तेरी खुशबू आँख बंद करती हूँ तो तेरे ख्वाब
सोचती हूँ तो तुझे, चाहती हूँ बस तुझे, जीती हूँ बस तुझसे
बेचैन करता तू, आराम देता तू, तू धड़कन, तू आवाज़ है
तू इन सर्द रातो मे गर्मी देता एक कम्बल सा अहसास है
तू कम्बख्त जालिम तू कमीना तू हरजाई तू रुहे सुकून है
तू प्यार है तू इश्क़ है जान मेरे हर अरदास की पुकार है तू
बस तू ही तो तू है
